THE 5-SECOND TRICK FOR BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

The 5-Second Trick For baglamukhi shabar mantra

The 5-Second Trick For baglamukhi shabar mantra

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जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ।।

Let us now understand the which means and baglamukhi mantra results coupled with baglamukhi mantra benefits. To relieve your looking at and understanding, We've also prepared the Bagalamukhi mantra in english.

भक्त को अच्छी प्रतिष्ठा प्रदान करता है।

Rewards: This mantra is usually chanted to seek the divine protection of Goddess Durga. It's thought to produce a shield of favourable Power round the chanter, safeguarding them from negative influences and evil spirits.

Chanting a Baglamukhi mantra having an trustworthy coronary heart and intellect wouldn't only impress her and also Permit an individual acquire precisely the same attributes. It will make someone a conqueror that's fearless and able to battle the battles of lifestyle to be a winner.

If you have any courtroom issues pending, you may say this mantra to acquire righteousness and a quick resolution.

शिक्षार्थियाें को अच्छे अंक प्राप्त होते हैं और वे लंबे समय के लिए ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।

भक्त के अपने परिवार के साथ संबंध अच्छे बनते हैं।

- साधना अकेले में, मंदिर में, हिमालय पर या किसी सिद्ध पुरुष के साथ बैठकर की जानी चाहिए।

भक्त और उसके पति या baglamukhi shabar mantra पत्नी तथा बच्चों के बीच संबंध बेहतर होते हैं।



ॐ बगलामुखी महाक्रूरी शत्रू की जिह्वा को पकड़कर मुदगर से प्रहार कर , अंग प्रत्यंग स्तम्भ कर घर बाघं व्यापार बांध तिराहा बांध चौराहा बांध चार खूँट मरघट के बांध जादू टोना टोटका बांध दुष्ट दुष्ट्रनी कि बिध्या बांध छल कपट प्रपंचों को बांध सत्य नाम आदेश गुरू का।

इन दो बगला-शाबर मन्त्रों के अतिरिक्त भी एक अन्य शाबर मंत्र गुरु-प्रसाद स्वरूप हमें प्राप्त हुआ था, जिसका उल्लेख मैं यहाँ कर रहा हूं। इस मन्त्र का विधान यह है कि सर्वप्रथम भगवती का पूजन करके इस मन्त्र का दस हजार की संख्या में जप करने हेतु संकल्पित होना चाहिए। तदोपरान्त एक निश्चित अवधि में जप पूर्ण करके एक हजार की संख्या में इसका हवन ‘मालकांगनी’ से करना चाहिए। तदोपरान्त तर्पण, मार्जन व ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए। तर्पण गुड़ोदक से करें। इस प्रकार इस मन्त्र का अनुष्ठान पूर्ण होता है। फिर नित्य-प्रति एक माला इस मन्त्र की जपते रहना चाहिए। इस मन्त्र का प्रभाव भी अचूक है अतः निश्चित रूप से साधक के प्रत्येक अभीष्ट की पूर्ति होती है। मन्त्र इस प्रकार है

इस परिशिष्ट में जिन मन्त्रों का उल्लेख किया जा रहा है, वे लोक- परम्परा से सम्बद्ध भगवती-उपासकों द्वारा पुनः-पुनः सराहे गए हैं। इन मन्त्रों का प्रभाव असंदिग्ध है, जबकि इनके साधन में औपचारिकताएं नाम मात्र की हैं। यदि भगवती बगलाम्बा के प्रति पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा-भाव रखते हुए इन मन्त्रों की साधना की जाए, तो कोई कारण नहीं है कि साधक को उसके अभीष्ट की प्राप्ति न हो।

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